उलझनों में उलझी जिंदगी अब सुलझाना चाहती है। उलझनों में उलझी जिंदगी अब सुलझाना चाहती है।
सही निर्णय वही, ना हो कभी पछतावा और ना हो कभी कोई रंज। सही निर्णय वही, ना हो कभी पछतावा और ना हो कभी कोई रंज।
जब भी तेरी याद का लम्हा छूता है वो लम्हा मेरा स्वर्णिम हो जाता है। जब भी तेरी याद का लम्हा छूता है वो लम्हा मेरा स्वर्णिम हो जाता है।
"जब-जब तेरे शहर मे आता हूँ.. फ़ितरत से और जवान हो जाता हूँ.. "जब-जब तेरे शहर मे आता हूँ.. फ़ितरत से और जवान हो जाता हूँ..
कब वह वक़्त लौटकर आएगा ? जिसके साथ तू भी आएगी ? कब वह वक़्त लौटकर आएगा ? जिसके साथ तू भी आएगी ?
कितना काबू करूँ कभी टूटना चाहिए सयंम मेरा । कितना काबू करूँ कभी टूटना चाहिए सयंम मेरा ।